land vastu shastra For Plot Selection, Auspicious, Inauspicious land plot

Dula

land vastu shastra For Plot Selection, Auspicious, Inauspicious land plot

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूमि चयन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

शुभ भूमि की विशेषताएँ (Auspicious Land Characteristics):

  1. आकृति (Shape):
    • वर्गाकार (Square) या आयताकार (Rectangular) भूमि शुभ मानी जाती है।
    • गजपदाकृति (Elephant-shaped) और सिंहाकृति (Lion-shaped) भूमि भी शुभ होती हैं।
  2. भूमि का ढलान (Slope of Land):
    • उत्तर और पूर्व दिशा में ढलान वाली भूमि शुभ मानी जाती है।
    • दक्षिण और पश्चिम दिशा में ऊँची भूमि शुभ होती है।
  3. मिट्टी का प्रकार (Type of Soil):
    • काली, पीली, या हल्की लाल मिट्टी शुभ मानी जाती है।
    • भूमि में मिठास होनी चाहिए और उस पर घास उगनी चाहिए।
  4. आसपास का वातावरण (Surrounding Environment):
    • भूमि के पास जल स्रोत जैसे नदी, झील, या तालाब होना शुभ होता है।
    • भूमि के पास हरे-भरे पेड़ और पौधे होना भी शुभ होता है।
  5. पूर्व दिशा में जल स्रोत (Water Source in East):
    • पूर्व दिशा में जल स्रोत होने से भूमि में समृद्धि आती है।

अशुभ भूमि की विशेषताएँ (Inauspicious Land Characteristics):

  1. आकृति (Shape):
    • त्रिकोणाकार (Triangular) या अतिकुंचित (Irregular) भूमि अशुभ मानी जाती है।
    • कटा-फटा या विषम आकार की भूमि भी अशुभ होती है।
  2. भूमि का ढलान (Slope of Land):
    • पश्चिम और दक्षिण दिशा में ढलान वाली भूमि अशुभ मानी जाती है।
    • उत्तर और पूर्व दिशा में ऊँची भूमि अशुभ होती है।
  3. मिट्टी का प्रकार (Type of Soil):
    • काली, नीली, या कंटीली मिट्टी अशुभ मानी जाती है।
    • भूमि में बदबू या जलजमाव होना भी अशुभ होता है।
  4. आसपास का वातावरण (Surrounding Environment):
    • भूमि के पास श्मशान, कब्रिस्तान, या कूड़ा-कचरा स्थान अशुभ होता है।
    • भूमि के पास कांटे वाले पेड़ या सूखे पेड़ होना भी अशुभ होता है।
  5. अग्नि तत्व की उपस्थिति (Presence of Fire Elements):
    • दक्षिण दिशा में जल स्रोत या आग्नेय दिशा में अग्नि तत्व का होना अशुभ माना जाता है।

भूमि चयन के समय ध्यान रखने योग्य अन्य बातें:

  1. भूमि की स्थिति (Position of Land):
    • भूमि के पास सड़क की स्थिति का ध्यान रखें। मुख्य सड़क से सटी भूमि शुभ मानी जाती है।
    • भूमि के चारों ओर खुला स्थान होना चाहिए।
  2. पड़ोसियों का प्रभाव (Influence of Neighbors):
    • पड़ोसियों की संपत्ति की स्थिति और उनका व्यवहार भी भूमि की शुभता पर प्रभाव डालता है।
  3. अतीत का इतिहास (Historical Background):
    • भूमि का पूर्व का इतिहास जानना आवश्यक है। पूर्व में किसी अनहोनी घटना या विवादित भूमि होना अशुभ माना जाता है।

वास्तु शास्त्र के इन नियमों का पालन करके शुभ और समृद्ध भूमि का चयन किया जा सकता है, जिससे सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

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